शहद के गुण

गाढे पीले रंग का, दिखने में साधारण लगने वाला ये द्रव्य अपने आप में किसी औषधि से कम नही है. शहद जितना खाने में मीठा होता है उतना ही गुणकारी भी होता है. आयुर्वेद में शहद का बहुत ही महत्व है. बहुत सारी आयुर्वेदिक औषधि ऐसी हैं जो शहद के बिना अपूर्ण हैं.आयुर्वेद के अनुसार जब किसी औषधि में शहद मिलाया जाता है तो शहद  उस औषधि को अधिक प्रभावशाली बना देता है.शहद अपने आप में भी बहुत सारी बीमारियों को खत्म करने में सक्षम है.आयुर्वेद के अनुसार शहद हमारे शरीर के तीनो दोष वात , पित , कफ को संतुलित करता है.मॉडर्न साइंस के अनुसार देखें तो शहद आयरन,विटामिन c व कैल्शियम का स्त्रोत है.शोध के अनुसार प्राकृतिक  रूप से मिलने वाला शहद अपने गुणों से भरपूर होता है. आज कल बाज़ार में मिलने वाले शहद में कई तरह की मिलावट की जाती है, उसमे aritifical कलर्स व taste मिलाया जाता है, जिस से शहद की गुणवत्ता कम हो जाती है.इसीलिए जब भी शहद खरीदें, पैकेट के लेबल को अवश्य पढ़ें. उसमें किसी भी तरह के आर्टिफीसियल flvour या कलर न हों.
कैसे करें शुद्ध शहद की पहचान :

 1 . प्राकृतिक रूप से इकट्ठा किया गया शहद कुछ समय के पश्चात् cyrstallize होने लग जाता है और तरल अवस्था से semi-soild अवस्था में परिवर्तित हो जाता है.ऐसा होने पर उसे ख़राब न समझें. इस अवस्था में भी शहद की गुणवत्ता बरक़रार रहती है.
2. शुद्ध शहद को जब आप पानी में मिलाएं तो वह पूरी तरह से न घुल कर पानी की सतह में बैठ जाता है.
3. शुद्ध शहद को जब आप चम्मच से गिरायेंगे तो वह धीरे -2 गाढे रूप में नीचे गिरता है.

शहद खरीदने से पहले :
 आज कल बाज़ार में मिलने वाले शहद में कई तरह की मिलावट की जाती है, उसमे aritifical कलर्स व taste   मिलाया जाता है, जिस से शहद की गुणवत्ता कम हो जाती है.इसीलिए जब भी शहद खरीदें, पैकेट के लेबल को अवश्य पढ़ें. उसमें किसी भी तरह के आर्टिफीसियल flvour या कलर न हों.जहाँ तक हो सके प्राकृतिक रूप से मिलने वाले शहद का प्रयोग करें.

गुणकारी शहद :

1. रखें सदा जवां -
                         शहद एंटी ऑक्सीडेंट का बहुत ही अच्छा स्रोत है. हमारे शरीर से फ्री रेडिकल को खत्म कर के हमें कैंसर जैसी व्याधियों से बचाता है और शरीर को जल्दी बूढ़ा होने की प्रक्रिया को मंद कर देता है.

2.एनर्जी बूस्टर -
                          शहद एक नेचुरल एनर्जी बूस्टर है.इसमें ग्लूकोस , फ्रुक्टोस, सुक्रोस नामक नेचुरल शुगर  होते हैं जो हमारे शरीर द्वारा तुरंत सोख लिए जाते है,इसलिए एक्सरसाइज के समय होने वाली थकान में हमें ऊर्जा प्रदान करता है.अब जब भी आप थकान महसूस करें तो शहद को अवश्य आजमायें.

3. रोग प्रतिरोधकक्षमता को बढ़ाये -
                            शहद में एंटी बायोटिक , एंटी फंगल , एंटी वायरल व anitoixdant के गुण होने के कारण ये हमारे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है.शहद को विटामिन ,आयरन का अच्छा माना गया है. शहद के नियमित इस्तेमाल से शरीर में श्वेत कोशिकयों में बढ़ोतरी होती है जो हमें रोगों से लड़ने की ताकत प्रदान करती है.

4.श्वाससम्बन्धी रोगों में लाभकारी -
                           श्वास से सम्बंधित रोगों में शहद अमृत माना गया है. खांसी, जुकाम ,अस्थमा ,ब्रोंकाइटिस जैसे रोगों में शहद व अदरक के रस के सेवन से तुरंत लाभ मिलता है.

5. बेदाग़ सुन्दरता -
                          शहद को नियमित चेहरे पर लगाने से चेहरे के कील, मुहांसे दूर होते है और त्वचा में निखार आता है. शहद त्वचा को नमी प्रदान करता है जिस से त्वचा मुलायम रहती है और आपकी सुन्दरता में चार चाँद लगता है.

6. वजन घटाए -
                          ये तो बहुत ही जाना माना नुस्खा है की अगर शहद को खाली पेट निम्बू के रस के साथ गुनगुने पानी में मिला कर सेवन किया जाये तो ये आपके वजन को घटाने में मदद करता है .

7.पेट के रोगों में सेवन -
                           शहद हमारी पाचन तंत्र को मजबूत करता है व पेट के रोगों जैसे अलसर, कब्ज ,दस्त ,उल्टी जैसे रोगों में लाभकारी माना गया है.उल्टी होने पर शहद को निम्बू ,अदरक व पुदीने के रस के साथ सेवन करें.

शहद के प्रयोग में सावधानियां -
                             शहद के फायदे तो हमें बहुत सारे पता है पर शहद के सेवन मेंकुछ सावधानियां भी बरतनी पढ़ती हैं जैसे -
1. आयुर्वेद के अनुसार शहद को हमेशा ठंडा ही प्रयोग में लाना चाहिए.शहद को कभी भी गरम न करें, ना ही गर्म चीज़ों में मिला कर खाएं.गर्म ऋतू में भी शहद का सेवन वर्जित है.

2.आयुर्वेद के अनुसार शहद व घी समान मात्रा में मिलने पर विष का काम करते है.

3. शहद में शुगर पाए जाने के कारण डायबिटीज के रोगी को शहद का सेवन नही करना चाहिए.

                                           
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